बुनियादी शिक्षा का सर्वोदय दर्शन

–    दयाल चंद्र सोनी   शिक्षा का काम केवल तरकीब या पद्धति तक सीमित नहीं है। सच्ची शिक्षा के पीछे कुछ मान्यता, श्रद्धा, विश्वास, उद्देश्य, आदर्श अथवा दर्शन भी अवश्य रहता है। शिक्षा केवल इसी में ही सीमित नहीं है कि ज्ञान-विज्ञान का प्राचीन संचय नई पीढ़ी को हस्तांतरित कर दिया जाए। शिक्षा विकास की ...

बुनियादी शिक्षण में केन्द्रस्थ और क्षेत्रस्थ समवाय की पारस्परिक प्रणाली

बुनियादी तालीम, अप्रेल 1961 में प्रकाशित श्री दयाल चंद्र सोनी का लेख   शिक्षक की समस्या सर्व विदित है कि बुनियादी शिक्षा का मौलिक तत्व समवाय है और विद्यार्थी के हस्तोद्योग तथा सामाजिक और भौतिक जीवन के द्वारा जो शिक्षा दी जाती है उसे समवाय शिक्षा कहा गया है। परन्तु एक शिक्षक को जब कुछ ...

The Ills of Our Present Education and the Gandhian Basic Education as a Remedial Measure

Dayal Chandra Soni   The British Raj came to an end in 1947. All of us know very well that Macaulay, the well-wisher and promoter of British imperialism in India, had changed the traditional system of Indian Education and had established the present system of our education to promote the interests of the British Raj ...

केवल स्कूल ही शिक्षा देने का माध्यम नहीं

आज इस प्रश्‍न पर विचार करना अति आवश्‍यक हो गया है कि क्‍या शिक्षा का प्रप्ति स्‍थान केवल स्‍कूल ही है। यह प्रश्‍न अत्‍यंत महत्‍व का इसलिए हो गया है कि पूरे देश में हमारे तथा कथित शिक्षितों एवं तथाकथित अशिक्षितों में यह मान्‍यता जड़ जमा कर बैठ गयी है कि शिक्षा का प्राप्ति स्‍थान ...