वर्तमान शिक्षा – मानव का मानसिक प्रदूषण

आज 10 वर्ष के बजाय 35 वर्ष हमारी आजादी को बीत गये हैं (लेख 1982 में लिखा गया था) पर संविधान की यह धारणा पूरी नहीं हो पाई कि देश के तमाम बच्‍चों की शिक्षा 14 वर्ष की आयु तक राज्‍य द्वारा की जा सके। फिर भी, आजादी के बाद शिक्षा का प्रचार तथा प्रसार ...

लोकानुशासन : प्रौढ़ शिक्षा का कर्म, धर्म और मर्म

हम लोग अब तक प्रौढ़ शिक्षा को इस निगाह से देखते रहे हैं कि जो लोग बचपन में स्‍कूलों में पढ़ाई के दौर से गुजरे बिना ही प्रौढ़ हो गये हैं वे लोग ”शिक्षा से वंचित” रह गये हैं और उन बेचारों पर दया करके हमें चाहिए कि हम उनके लिए रात्रि-शालाएँ चलाएँ और ”देर ...

बुनियादी शिक्षा का सर्वोदय दर्शन

–    दयाल चंद्र सोनी   शिक्षा का काम केवल तरकीब या पद्धति तक सीमित नहीं है। सच्ची शिक्षा के पीछे कुछ मान्यता, श्रद्धा, विश्वास, उद्देश्य, आदर्श अथवा दर्शन भी अवश्य रहता है। शिक्षा केवल इसी में ही सीमित नहीं है कि ज्ञान-विज्ञान का प्राचीन संचय नई पीढ़ी को हस्तांतरित कर दिया जाए। शिक्षा विकास की ...

क्या है मैकालेवादी शिक्षा का परोक्ष पक्ष

नि:श्रम विशिष्‍ट वर्गीय समाज एवं निरक्षर सामान्‍य श्रमिक समाज में देश का विभाजन- जीवन निर्वाह के लिये उपयोगी उत्‍पादक देह श्रम से परहेज रखने की, देशी वेशभूषा एवं भाषा से परहेज करने की, सादा जीवन बिताने की बजाय शान शौकत से जीने की, जमीन पर बैठने की बजाय कुर्सियों पर बैठने की जो परोक्ष शिक्षा ...

क्या वर्तमान स्कूल को सार्वजनीन शिक्षालय मानना उचित है?

वर्तमान समय की सबसे ख़तरनाक ग़लती यह है कि हमने स्‍कूल (नामक पाठशाला) मात्र को मनुष्‍य का शिक्षालय मानना शुरू कर दिया है। मुझे लगता है कि हम पर एक अंधी धुन सवार हो गयी है कि ‘सबको साक्षर एवं स्‍कूलित करो वरना भारत का बेड़ा गर्क हो जायगा।’ मुझे बहुत हैरानी होती है जब ...

प्रशिक्षण बाहर से मिलाने का नहीं, भीतर से खिलाने का काम है

”शिक्षण” के विषय में तो मैं यह मानता हूँ कि यह इस मानव जीवन में ठेठ से ही था, परन्‍तु, मुझे जहॉं तक जानकारी है शिक्षण में ”प्रशिक्षण” का जन्‍म इस नये युग में ही हुआ है। उदाहरण के लिए मैं जाति से स्‍वर्णकार हूँ। मेरे पिता एक बहुत उच्‍च कोटि के गारीगर स्‍वर्णकार थे। ...