सरस्‍वती वंदना

सरस्‍वती माँ मुझको वर दो, सारी उन्‍नतियों की कुंजी, मुझे अंक दो औ’ अक्षर दो।।                         पायी मानव देह सही है,                         पर इस घट में नेह नहीं है,                         हृदय ज्ञान का गेह नहीं है,                         करो दया चेतनता भर दो।। जीभ लिये जो गूंगापन है, कान लिये जो बहरापन है, आँख लिये जो ...

“ई” से समाप्त होने वाली संज्ञाओं के बहुवचन में “ई” हो जाती है “इ”

(हिंदी व्याख्या – 1) दवाई, मिठाई, नदी, पहाड़ी, गली, घड़ी, हाज़िरी, जैसी “ई” से समाप्त होने वाली संज्ञाओं के बहुवचन में “ई” के बजाय “इ” काम में ली जानी चाहिये जो ऐसी संज्ञाओं को एक वचन और बहुवचन में बोलते समय तो स्वतः ही हो जाता है पर लिखते समय अक्सर भूल हो जाती है ...

भारत में हिंदी व अन्य भाषाएं जानने वाले लोगों की संख्या

सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 102.7 करोड़ थी जिसमें हिंदीभाषियों की संख्या करीब 42 करोड़ (41.1%) थी।   विभिन्न भाषा भाषियों की स्थिति निम्न तालिका के अनुसार थी – भारत में विभिन्न भाषाएं जानने वालों की संख्या (2001 की जनगणना के अनुसार) श्रेणी भाषा बोलने वाले (करोड़ में) प्रतिशत 1 हिंदी ...