यदि स्कूलों ने परिश्रम को अपनाया होता

सन् 1941-42 में मैने जामिया मिलिया इस्‍लामिया, दिल्‍ली के ”उस्‍तादों के मदरसे” में एक वर्ष का गांधीवादी बुनियादी शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्‍त किया। इस प्रशिक्षण में सौभाग्‍य हमारा यह रहा कि स्‍वयं डॉ. जाकिर हुसैन ने दस दिनों तक हमारी कक्षा में एक-एक घंटा भाषण दिया (या हमें पढ़ाया) इस दौरान विद्यार्थियों (छात्र शिक्षकों) ने ...