हम विद्या की ज्‍योति जगाएँ

हम विद्या की ज्‍योति जगाएँ छोड़ भर्त्‍सना अंधकार की दीप शिखा बन उसे सजाएँ   ।। 1 ।। अंधकार यदि अंधकार है अति प्रकाश हम पर प्रहार है तमपोषित निर्मल नयनों से दिव्‍य ध्‍येय के दर्शन पाएँ   ।। 2 ।। पर उपदेश दंभ झंझा तज निवातस्‍थ का दीप गुहा निज अविचल प्रज्ञा दीप सँजोकर ...

जागो हंस हमारे

जागो हंस हमारे अभिनन्‍दन जीवन विहान का प्रस्‍तुत द्वार तुम्‍हारे  ।।1।। विमल बाल मन मानस मंजुल सरल भावमुक्‍ता फल उज्‍ज्‍वल, शरदेय वीणा स्‍वर मंगल उत्‍सुक तुम्‍हें पुकारे जागो हंस हमारे     ।।2।। नीरक्षीर मय जगजीवन में, सिकता मुक्‍तामय आंगन में, हे विवेकमय हृदय गगन में उठो, दरस दो प्‍यारे जागो हंस हमारे          ।।3।।                                              रचयिता – ...

विकास गीत

आओ देश जगाएँ, नव विहान के अभिनन्‍दन में वंदन अर्ध्य चढ़ाएँ  ।।1।।                     मुक्‍त गगन की अरुण विभा पर                     उदित तिरंगा मुदित दिवाकर                     खिलें सुमन प्राणों के मधुकर                     नूतन स्‍पंदन पाएँ             ।।2।। उठो तजें आलस सदियों का रोकें घन बहती नदियों का बिजली औ’ जल की निधियों का वैभव विपुल बिछाएँ         ।।3।। ...