अहिंसा में पंच-महाव्रत

स्व. श्री दयाल चं‍द्र सोनी लिखित जैन भारती, जुलाई, 2001 के अंक में प्रकाशित लेख धर्मपालन के जो पाँच महाव्रत- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह के रूप में गिनाए गए हें, वे गहरी दृष्टि से देखने पर अलग अलग पाँच महा व्रत नहीं हैं बल्कि एक ही मूल महाव्रत अर्थात् अहिंसा के पाँच आयाम ...

धर्म और विज्ञान: कैसे पटेगी बीच की खाई

मानवेन्‍द्रनाथ राय का लेख पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि वे विज्ञान एवं धर्म के बीच एक पारस्‍परिक विरोध की दृष्टि रखते हैं। वे मानते हैं कि समय के साथ विज्ञान की जो वास्‍तविकता है इससे धर्मगत काल्‍पनिकताऍं हारती जारही हैं, पर मेरा मत संयोगवश काफी भिन्‍न है। मैं धर्म एवं विज्ञान के बीच ...