विनती गीता – (हस्तलिखित)

विनती गीता - (हस्तलिखित)
श्री दयाल चंद्र सोनी ने गीता के सार को संक्षेप में मेवाड़ी में लिखने का अथक प्रयास वर्षों तक किया और इसे विनती गीता का नाम दिया।  उनकी हस्तलिखित इस विनती गीता को यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है –

अहिंसा में पंच-महाव्रत

स्व. श्री दयाल चं‍द्र सोनी लिखित जैन भारती, जुलाई, 2001 के अंक में प्रकाशित लेख धर्मपालन के जो पाँच महाव्रत- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह के रूप में गिनाए गए हें, वे गहरी दृष्टि से देखने पर अलग अलग पाँच महा व्रत नहीं हैं बल्कि एक ही मूल महाव्रत अर्थात् अहिंसा के पाँच आयाम ...

किसे कहते हैं स्वास्थ्य ?

लेखक – दयाल चं‍द्र सोनी स्वास्थ्य का मतलब है मनुष्य का शरीर तो सही हालत में हो ही, साथ में उसका मन भी सही हालत में हो जो कि स्वस्थ हालत में तभी रह सकेगा, जबकि मनुष्य की बुद्धि शुद्ध हो जाये, शांत हो जाय, स्थिर हो जाय। ”स्वस्थ” मनुष्य वही है जो ”स्व” में ...